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देवी-दर्शन भवन:
श्वेत संगमरमर द्वारा निर्मित इस पावन स्थल में माँ वैष्णवी की त्रिमूर्ति - माँ काली-माँ लक्ष्मी-माँ सरस्वती के रूप में विराजमान हैं, जहाँ पूजन/दर्शन हेतु मंदिर परिसर में व्यवस्थित पूजा सामग्री केन्द्र से प्रसाद लेकर देवी-दर्शन मण्डपम् के प्रवेश द्वार (दक्षिण द्वार) से प्रवेश करना है। दर्शन पश्चात निकाष द्वार (पूर्व द्वार) से यज्ञ मण्डपम् की ओर बाहर आना है। देवी-दर्शन मण्डपम् में चमड़े से बने वस्तु/अस्त्रा-शस्त्रा/कैमरा लेकर जाना निषेध है। यज्ञ मण्डपम् से पूर्व की ओर नारियल चढ़ाने के स्थान पर ही नारियल तोड़े तथा अगरबत्ती वहीं पर स्थित अगरबत्ती-पात्रा में ही प्रज्जवलित करें।
यज्ञ मण्डपम्:
यह यज्ञ स्थल अपने आप में अतुल्नीय है, जो चारों तरफ से बने जल-झील के बीचों-बीच अवस्थित है, जहाँ मछलियाँ क्रीड़ा करती नजर आती है, वहीं पानी के रंगीन फब्बारे मन मोह लेते हैं। इस यज्ञ मण्डपम् में प्रवेश वर्जित है। अतः इस पवित्रा स्थान की परिकर्मा (प्रदक्षिणा) मार्ग से प्रदक्षिणा करते हुए बाहर आना है।
ठहरने व भोजन की उत्तम व्यवस्था है :
देवी-दर्शन प्रांगण के अंतर्गत श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए संस्थान की ओर से समारोह मण्डपम् का निर्माण किया गया है, जिसमें श्रद्धालुओं के रहने, भोजन बनाने इत्यादि की समुचित व्यवस्था की गई है। जहां कोई भी श्रद्धालु भक्तगण अपने परिवार में होने वाले किसी भी शुभ कार्य के लिए इस स्थान का उपयोग कर सकते हैं जैसे: यज्ञोपवित्रा, सगाई, विवाह, धार्मिक अनुष्ठान इत्यादि। देवी दर्शन भवन निर्माण में बनें सहयोगीः जम्मू कटरा स्थित माता वैष्णवी के भवन से प्राप्त दिव्यांश से निर्मित में आप सभी श्रद्धालु भक्तगण सहयोग कर पूण्य के भागी बनें।
देवी दर्शन एक परिचय
वैष्णवी वंदना चैरिटेबल ट्रस्ट - व्ही.व्ही.सी.टी. (इकाई- श्रीवैष्णवी शिवराम सेवा संस्थान) की स्थापना का उद्देश्य ‘‘सर्वभूतहितेरता’’ (सबों के हित की रक्षा) को ध्यान में रखकर किया गया है। इस संस्थान के द्वारा विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन समाज के भौतिक, शैक्षणिक एवं नैतिक उत्थान के लिए किया जाता है। जिसमें शिक्षा शिविर, चिकित्सा शिविर, वस्त्र एवं कम्बल वितरण तथा दरिद्र नारायण भोग इत्यादि प्रमुख हैं।
समस्त देवी-देव-सहित-त्रिदेव के दिव्यांश को धारण करनेवाली माँ भगवती, जगत की उद्भव-पालन-प्रलय-कारिणी-महाशक्ति हैं। शरणागत- वत्सला-सदया-सुहृदया- महामाया, महा-मंगला-सुमंगला हैं। अपने आराधकों-साधकों-भक्तों की सम्पूर्ण कामनाओं को पूर्णतः प्राप्त करानेवाली हैं- ‘‘यं यं चिन्तयते कामं, तं तं प्राप्नोति निश्चितम्।’’ इन्हीं अनन्त-अमूल्य-मातृशक्ति-सद्भावना-प्रेरणा से प्रेरित होकर श्रीवैष्णवीमातृभक्त-श्रीयुत डाॅ रंजीत कुमार जी ने भक्तों एवं धर्मावलंबियों के सहयोग से भगवती-श्रीवैष्णवी माता की सुदिव्य-मूर्ति की संस्थापना का सुदृढ़-शुभ संकल्प लिया और ‘राँची’ नगरी-निवासी-भक्तों के लिए, दुर्गम ‘‘देवी-दर्शन’’ को सुगम कर दिया। श्रीवैष्णवी माताजी के दिव्य-दर्शन की सार्वजनिक सुविधा हो गयी। गेतलातु-राँची का ‘‘श्रीवैष्णवी शिवराम सेवा संस्थान’’ - श्रीवैष्णवी धाम बन गया।
विद्या-बुद्धि-समृद्धि दात्राी तथा मनोबांछित फल प्रदायिनी गेतलातु स्थित माता वैष्णवी आपकी समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण करनेवाली हैं। जम्मू-कटरा स्थित माता के भवन से प्राप्त अमूल्य दिव्यांश से निर्मित यह देवी स्थल अतुल्यनीय है।
देवी-दर्शन भवन: श्वेत संगमरमर द्वारा निर्मित इस पावन स्थल में माँ वैष्णवी की त्रिमूर्ति - माँ काली-माँ लक्ष्मी-माँ सरस्वती के रूप में विराजमान हैं, जहाँ पूजन/दर्शन हेतु मंदिर परिसर में व्यवस्थित पूजा सामग्री केन्द्र से प्रसाद लेकर देवी-दर्शन मण्डपम् के प्रवेश द्वार (दक्षिण द्वार) से प्रवेश करना है। दर्शन पश्चात निकाष द्वार (पूर्व द्वार) से यज्ञ मण्डपम् की ओर बाहर आना है। देवी-दर्शन मण्डपम् में चमड़े से बने वस्तु/अस्त्रा-शस्त्रा/कैमरा लेकर जाना निषेध है। यज्ञ मण्डपम् से पूर्व की ओर नारियल चढ़ाने के स्थान पर ही नारियल तोड़े तथा अगरबत्ती वहीं पर स्थित अगरबत्ती-पात्रा में ही प्रज्जवलित करें।
यज्ञ मण्डपम्: यह यज्ञ स्थल अपने आप में अतुल्नीय है, जो चारों तरफ से बने जल-झील के बीचों-बीच अवस्थित है, जहाँ मछलियाँ क्रीड़ा करती नजर आती है, वहीं पानी के रंगीन फब्बारे मन मोह लेते हैं। इस यज्ञ मण्डपम् में प्रवेश वर्जित है। अतः इस पवित्रा स्थान की परिकर्मा (प्रदक्षिणा) मार्ग से प्रदक्षिणा करते हुए बाहर आना है।
ठहरने व भोजन की उत्तम व्यवस्था है : देवी-दर्शन प्रांगण के अंतर्गत श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए संस्थान की ओर से समारोह मण्डपम् का निर्माण किया गया है, जिसमें श्रद्धालुओं के रहने, भोजन बनाने इत्यादि की समुचित व्यवस्था की गई है। जहां कोई भी श्रद्धालु भक्तगण अपने परिवार में होने वाले किसी भी शुभ कार्य के लिए इस स्थान का उपयोग कर सकते हैं जैसे: यज्ञोपवित्रा, सगाई, विवाह, धार्मिक अनुष्ठान इत्यादि। देवी दर्शन भवन निर्माण में बनें सहयोगीः जम्मू कटरा स्थित माता वैष्णवी के भवन से प्राप्त दिव्यांश से निर्मित में आप सभी श्रद्धालु भक्तगण सहयोग कर पूण्य के भागी बनें।
जहाँ कोई भी श्रद्धालु भक्तगण, अपने परिवार के साथ यहाँ की सुविधाओं से लाभान्वित हो सकता है, जैसे दुर्गा शप्तशती पाठ, सत्य नारायण कथा, महा रुद्राभिषेक, महा मृतुन्जय जप, वृहस्पति जप, छठ महा पर्व, मुंडन, सगाई, विवाह आदि सभी तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान...
OUR MISSION
चुनौतियों में माँ का चमत्कार
आज भी यह कल्पना ही लगती है कि कैसे देवी-दर्शन की स्थापना हुई ? और कैसे माँ वैष्णवी का आगमन हुआ? प्रेरणा से परिणाम का सफर काफी कठिन था, परन्तु माँ के चमत्कार और गुरु एवं माता-पिता के आशिष तथा आप सबों की दुआओं ने इसे साकार रूप दे दिया।
किसी ने सच ही कहाँ है कि घर का निर्माण भले थम जाए, पर मंदिर निर्माण कभी नहीं थमता। विभिन्न लोगों के विभिन्न विचारों को समाहित करते हुए, दैविक प्रेरणा सेे प्रोत्साहित होकर समग्र कल्याण के लिए उठाया गया यह कदम सराहनीय है। हम आगे बढ़ते गए और ऐसा करते हुए आज इसे एक स्वरूप दे पायेे हैं, जो केवल माँ वैष्णवी का ही चमत्कार है।
देवी-दर्शन में आयोजित किसी भी कार्यक्रम में संस्थान द्वारा ‘‘देवी-दर्शन’’ भक्ति संगीत, प्रवचन, नृत्य नाटिका एवं अन्य भक्तिमय का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों की संख्या श्रद्धालु भक्तगण भाग लेते हैं। जिनके सहयोग एवं श्रद्धा से ही हमारे द्वारा संचालित आयोजन सफल हो पाता है।
यह स्थान इतना शांति प्रदान करता है कि सम्पूर्ण चित यहाँ स्थिर जो जाते हैं। माता वैष्णवी की कृपा-दृष्टि प्राप्त कर अनेकानेक भक्तजन कृतार्थ हुए हैं, हो रहे हैं और होते रहेंगे। इन्हीं के प्रसाद से पराविध का उदय होता है।
3-12
October
2024
Up Coming Event
देवी-दर्शन महोत्सव 2024
श्रीवैष्णवी शिव राम सेवा संस्थान के तत्वावधान में देवी-दर्शन महायज्ञ महोत्सव समिति द्वारा जन कल्याण हेतु सामूहिक 1,111 कलश स्थापना-पूजन, श्रीमद्धदेवीभागवत् महा-पुराण, श्रीदूर्गासप्तसती शतचण्डी महायज्ञ, श्री बाल्मीकीरामायण, माता का महा-श्रृंगार, सहस्त्रार्चण, छप्पन-भोग समर्पण, कन्या-पूजन, कन्या एवं ब्राह्मण भोजन, हवन, 1111 दीपों से माता की महाआरती व संध्या महाआरती एवं यज्ञ पूर्णाहूति आदि का आयोजन किया जा रहा है।
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Testimonial
देवी-दर्शन, राँची का मंदिर परिसर सचमुच अद्दभुत है। बच्चों के लिए खेलने की सुविधा मैंने पहली बार देखा है। दुर्गा नवरात्री के समय १,१११ कलश स्थापन महोत्सव का नजारा सचमुच अद्दभुत होता है। मंदिर के भव्य निर्माण में भक्त-जन को आवश्य सहयोग करना चाहिए।
I had been to Devi Darshan, located at Getlatu, Ranchi. There I sought blessings from Ma Vaishnavi. Sat for an hour for peace of mind. Also enjoyed the beauty of the Mandir premises.
गेतलातु, राँची स्थित देवी-दर्शन में पूजन-व्यवस्था और मंदिर-प्रांगन देखकर बहुत प्रभावित हुआ हूँ। मुझे जब मौका मिलता है, शाम को अपनी बेटी के साथ माँ वैष्णवी के दर्शन कर लेती हूँ। बेटी भी मंदिर परिसर में खेल कर अपना मन बहला लेती है।.